शुक्राणु की कमी होना क्या होता है? – What is low sperm count in Hindi
Low Sperm Count in Hindi जैसे कि नाम से ही पता चल जाता है कि लो स्पर्म काउंट होना वीर्य में शुक्राणु की कमी होने को कहते हैं| जब वीर्य में सामान्य से कम शुक्राणु होते हैं तो इसे लो स्पर्म काउंट की समस्या कहां जाता है| मेडिकल भाषा में समस्या को ओलिगोस्पर्मिया (oligospermia) नाम से जाना जाता है। वीर्य में शुक्राणु की कमी होने के कई कारण हो सकते हैं और जब ऐसा होता है तो पुरुष में नपुंसकता या नामर्दी के लक्षण आ जाते हैं और ऐसा होने से पुरुष की प्रजनन शक्ति में कमी आ जाती है और जब सीमेन में स्पर्म काउंट लो हो जाता है तो ऐसा होने से पुरुष को संतान प्राप्ति करने में नाकामी झेलनी पड़ सकती है जिसे कि सामान्य भाषा में बांझपन नाम से जाना जाता है| तो चलिए जानते हैं लो स्पर्म काउंट यानी वीर्य में शुक्राणु की कमी होने के लक्षण, कारण और इलाज क्या होता है के बारे में जानकारी और हम यह भी जानेंगे कि वीर्य की कमी को दूर करने वाली दवा क्या होती है|
लो स्पर्म काउंट होने के लक्षण – वीर्य में शुक्राणु की कमी होने के लक्षण
वीर्य में शुक्राणु की कमी होना यानी low sperm count in hindi की समस्या जब होती है तो पुरुष अपने पार्टनर को गर्भवती या प्रेग्नेंट नहीं कर पाता| शुक्राणु की कमी होने के कारण प्रेगनेंसी ना हो पाने के कारण मानसिक तनाव या डिप्रेशन का शिकार पुरुष अक्सर हो जाता है| इसके अलावा वीर्य में शुक्राणु कम होने की साथ साथ पुरुष को दूसरे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं जैसे लिबिडो की कमी यानी सेक्स करने की इच्छा में कमी, अंडकोष में दर्द या सूजन आपकी समस्या बार-बार होना या हमेशा रहना, शरीर में बालों की कमी होना चेहरे पर दाढ़ी मूछ के बालों में कमी होना आदि लक्षण देख कर आप यह पहचान कर सकते हैं कि वीर्य में शुक्राणुओं की कमी है या नहीं|
शुक्राणु की कमी पता करने की जांच क्या होती है – Low Sperm Count tests in Hindi
वीर्य में शुक्राणु की कमी है या नहीं पता लगाने के लिए डॉक्टर आपको जांच करवाने की सलाह दे सकता है जैसे
अंडकोष का अल्ट्रासाउंड (Scrotal ultrasound)
हार्मोन के लेवल के लिए जांच
पोस्ट-इजेकुलेशन यूरिनलिसिस (Post-ejaculation urinalysis)
अनुवांशिक जांच
आपके टेस्टीकल की बायोप्सी
एंटी-स्पर्म एंटीबॉडी परीक्षण (Anti-sperm antibody tests)
वीर्य की जांच या टेस्ट करवाने की इलावा दूसरी प्रकार की जांच करवाने की की सलाह दे सकता है| जांच के आधार पर सही कारण का पता लगाया जाता है और उसी के हिसाब से आपको जरूरी दवा या इलाज किया जाता है|
शुक्राणु की कमी का इलाज क्या होता है – Low Sperm Count Treatment in Hindi
ओलिगोस्पर्मिया यानी वीर्य में शुक्राणु की संख्या का कम होना या लो स्पर्म काउंट की प्रॉब्लम का इलाज डॉ कारण के आधार पर करता है जैसे
वेरीकोसिल की समस्या होने पर डॉक्टर सर्जरी कर सकता है|
यदि आपके शुक्राणुओं की कमी का कारण कोई इंफेक्शन है तो ऐसे में डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक दवाइयां देता है|
इसके अलावा डॉ आपको अपने खान-पान और जीवनशैली में बदलाव करने की सलाह दे सकता है जिससे कि आपका शरीर स्वस्थ रहे और शरीर को भरपूर पोषण मिले जिससे कि नहीं शुक्राणुओं का निर्माण हो सके|
इलाज को सफल बनाने के लिए आपको अपनी बुरी आदतें जैसे अधिक हस्तमैथुन, शराब या तंबाकू का सेवन करना, फास्ट फूड या अन हेल्दी फूड खाना आदि से परहेज करना होता है|
यदि आपकी शुक्राणु की कमी की समस्या हार्मोन के असंतुलन के कारण थे तो ऐसे में डॉक्टर आपको हार्मोनल थेरेपी नहीं दे सकता है ऐसा करने से आपके शरीर में शुक्राणु बनाने वाले हार्मोन पढ़ते हैं जिससे शुक्राणु की कमी दूर होती है|
यदि आपकी समस्या संतान प्राप्ति की है तो ऐसे में डॉक्टर आपको आईवीएफ तकनीक अपनाने की भी सलाह दे सकता है ताकि आप संतान प्राप्ति का सुख भोग सकें|
शुक्राणु बढ़ाने की दवा – Medicine to increase sperm count in Hindi
वीर्य में शुक्राणु बढ़ाने की दवा डॉक्टर आपकी स्थिति के अनुसार ही देता है ऐसी चीज दवाइयां होती है जिनके कारण ओलिगोस्पर्मिया की समस्या को दूर किया जा सकता है जैसेक्लोमीफीन साइट्रेट ओरल, सेरोफीन ओरल टैबलेट , ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन, लेट्रोज़ोल (letrozole) या एनस्ट्रोज़ोल (anastrozole) आदि| दवाइयों का सेवन डॉक्टर की चला लेने के बाद ही आपको करना चाहिए अन्यथा गंभीर साइड इफेक्ट क्या नुकसान हो सकते हैं|
वीर्य में शुक्राणु की कमी या लो स्पर्म काउंट होने के नुकसान
लो स्पर्म काउंट होना पुरुष को नपुंसक या बांझ बना सकता है जिसके कारण अक्सर पुरुष बहुत ज्यादा मानसिक तनाव या डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं वह समय पर संतान सुख की प्राप्ति नहीं कर पाते और ऐसा होने से शादीशुदा जीवन बर्बाद हो सकता है इसके अलावा यदि इलाज की बात करें तो आपको इस समस्या के इलाज के लिए महंगी सर्जरी करवानी पड़ सकती है या फिर संतान प्राप्ति के लिए आईबीएफ जैसा महंगा ट्रीटमेंट करवाना पड़ सकता है| कुल मिलाकर इस समस्या के मानसिक और आर्थिक नुकसान अधिक होते हैं|
स्पर्म काउंट कम होने की समस्या किसे होती है?
शुक्राणु की संख्या यानी स्पर्म काउंट कम होने के लिए समस्या उन लोगों को अधिक होती है जो कि स्मोकिंग करते हैं, शराब का अधिक सेवन करते हैं, जो लोग मोटापे का शिकार होते हैं, जो लोग गर्म स्थानों पर कार्य करते हैं, मानसिक तनाव अधिक होने के कारण भी यह समस्या हो सकती है, इसके अलावा ऐसी कई बीमारियां और यौन रोग होते हैं जिनके कारण पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होने की समस्या आ सकती है|
शुक्राणु की कमी के इलाज के लिए कौन से डॉक्टर से मिलना चाहिए?
यदि आपको शुक्राणु की कमी का इलाज करवाना है तो इसके लिए आप किसी अच्छे सेक्सोलॉजिस्ट या यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर से मिल सकते हैं| इसके अलावा कारण के आधार पर डॉक्टर आपको आगे रेफर कर सकते हैं| इसलिए यदि आप शुक्राणु की कमी यानी ओलिगोस्पर्मिया की समस्या से पूछ रहे हैं तो आपको डॉक्टर से मिलने से परहेज नहीं करना चाहिए|
तो दोस्तों, यदि आप लो स्पर्म काउंट की समस्या से परेशान हैं और आपको शुक्राणुओं की संख्या बढ़ानी है तो अपने खान-पान और जीवनशैली को अच्छा करने के साथ-साथ डॉक्टर के पास जाकर अपनी जांच करवानी चाहिए और डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा मेडिसिन और जरूरी इलाज लेना चाहिए| अपने आप किसी भी दवा का सेवन करने से परहेज करना चाहिए और दूसरों की बातों में नहीं आना चाहिए|