धातु रोग रोकने के लिए आयुर्वेदिक हर्बल दवा की जानकारी
धात रोग यानि धातु रोग में आपका वीर्य बिना आपकी इच्छा के गिरता है खास कर जब आप सो रहे हों, आपका पेनिस जब खड़ा हो, पेशाब करते समय या माल तयाग के समय आपका वीर्य निकालने लगता है|
धात गिरना यानि वीर्य का लीक होना आपको शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार बना सकता है साथ ही आपकी आने वाली शादी शुदा जिन्दगी को भी प्रभावित कर सकता है|
आयुर्वेद के अनुसार क्या है धातु रोग? Dhatu rog in Ayurveda in Hindi
आयुर्वेद के अनुसार पुरुष की मर्दाना शक्ति वात और पित्त दोष पर निर्भर करती है
वात दोष होने पर आपका आपकी स्पर्श के प्रति सक्रियता बढ़ती है और पित्त दोष होने से आपका वीर्य पतला होता है और आपका वीर्य जल्दी निकालने लगता है| इसलिए वात और पित्त दोष होने से आपका वीर्य लिंग को छूने से, लिंग पर रगड़ लाग्ने से या बिना आपकी इच्छा के निकालने लगता है जिसे कारण आपको धात रोग या धातु दोष होता है|
Dhat rog या धातु दोष होने के लक्षण | dhatu disease symptoms in Hindi
बिना इच्छा के वीर्य गिरने से यानि धात रोग होने से आपको कमर में दर्द, चक्कर आना, दूसरों के पास जाने का मन न कार्न, कब्ज रहना, शरीर में ताकत न होना, दिमाग कमजोर होना, बार बार वीर्य का निकालना, मानसिक तनाव और यादश्त में कमी जैसी problems आ सकती हैं जिनके चलते आप हीन भावना और कॉन्फ़िडेंस की कमी का शिकार हो जाते हैं|
धात rog का आयुर्वेदिक उपचार के हर्बल तरीके दावा मैडिसिन |Ayurvedic Treatment for dhat rog or dhatu dosh in Hindi
धात रोग के इलाज के लिए विटामिन ई और फोलिक एसिड का सेवन करना बहुत फायदेमंद माना जाता है| इस विटामिन और फोलिक एसिड को प्राप्त करने के लिए आपको रोजाना बादाम, सूरजमुखी के बीज, पालक, राजमा अभी खाद्य पदार्थों का सेवन करते रहना चाहिए |
धात रोग के आयुर्वेदिक उपचार के लिए जितना हो सके अपने आपको तनावमुक्त रखने की कोशिश कीजिए क्योंकि जितना अधिक मानसिक तनाव आप लेंगी उतने ही धात रोग बढ़ेगा| मानसिक तनाव को कम करने के लिए आपको रोजाना ध्यान और योगा का अभ्यास करते रहना चाहिए|
रोजाना सुबह जल्दी उठकर ठंडी में आपको प्राणायाम सूर्य नमस्कार जैसी योग मुद्राओं का अभ्यास करना चाहिए ताकि आपके शरीर की गर्मी दूर हो सके|
सिगरेट, तंबाकू, शराब, गुटखा आदि मादक पदार्थों से दूर रहने की कोशिश करिए|
ओइली, मिर्च मसालेदार भोजन करने से परहेज करें| हल्का फुल्का स्वस्थ सुपाच्य भोजन ही करिए|
Dhatu dosh ka herbal upchar kya hai |Dhat rog Herbal Remedies in Hindi
शतावरी से धात का इलाज | shatavari for dhatu dosh in Hindi
शतावरी चूर्ण के आधे चम्मच को एक कप पानी या दूध के साथ उबालकर पीने से धात रोग रोकने में मदद मिलती है|
बादाम से धात रोग का उपचार | बादाम से धातु रोग कैसे रोकें
रात में 4 बादाम भिगो लीजिये| सुबह में इन बादाम को मिश्री के साथ खा लीजिये और फिर दूष पी लीजिये| इससे वीर्य गधा होगा, शरीर में ठंडक आएगी और धातु रोग से मुक्ति मिलेगी|
केसर से धात रोग रोकने का तरीका
केसर के 2-3 बाल एक कप दूध के साथ उबालकर रोजाना पीने से धातु पुष्ट होती है और धात रोग का उपचार होता है|
अश्वगंधा से धात रोग का इलाज | ashwagandha for Spermatorrhea in Hindi
ashwagandha, bala और Vidari को बराबर मात्र में मिलाकर धात रोग के लिए आयुर्वेदिक दवाई बनाइये| इस मैडिसिन का रोजाना एक चम्मच गाय के दूध के साथ पीने से धात गिरना बंद हो जाता है|
धात रोग बंद करने के लिए आयुर्वेदिक दवा मैडिसिन हिन्दी में
रोजाना 3-4 पालियन लहसुन की खाने से धात गिरना रोकने का एक अच्छा उपचार माना जाता है|
5 ग्राम balooti को दूध के साथ पीने से धत गिरना, शीघ्रपतन, और स्वपन दोष को दूर करने में मदद मिलती है|
एक चम्मच छुई मुई यानि लाजवंती के पाउडर के एक चम्मच को हर सुभ दूध के साथ पीने से धात रोग, स्वपन दोष, prostate problem जैसी तकलीफ़ों से मुक्ति मिलती है|
Misali की एक टबलेट रोजाना सुबह और रात को दूध के साथ लेने पर धात रोग रोकने में मदद मिलती है|
Dhatupaushtik Churana का एक चम्मच दिन में दो बाद दूध के साथ लेने से आपके धात रोग का इलाज आसानी से हो जाता है और आपका वीर्य गाढ़ा बनता है जिससे वीर्य का गिरना बंद हो जाता है|
दोस्तों, धात रोग यानि पेशाब के साथ वीर्य का गिरना या धातु दोष रोकने के उपचार के लिए आयुर्वेदिक हर्बल दवा मैडिसिन से जुड़ी जानकारी निश्चित रूप से आपके काम आएगी|