धात रोग किसे कहते हैं ? | dhat rog kya hota hai
धात रोग एक प्रकार का गुप्त रोग होता है जिसमें आपकी इच्छा के बिना ही आपका वीर्य निकलने लगता है धात रोग को धातु की कमजोरी, धातु की दुर्बलता, धात गिरना आदि नामों से जाना जाता है| धात रोग में लिंग को छूने से, लिंग पर रगड़ लगने से, पेशाब करते समय या मल त्याग करते समय लिंग से तरल चिपचिपा पदार्थ निकलता है| धात रोग के कारण व्यक्ति बहुत मानसिक तनाव में आ जाता है वह मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर रहने लगता है| यदि आपको धातु रोग या धातु दुर्बलता की समस्या आ गई है तो आप कुछ देसी उपाय अपनाकर धात रोग की समस्या को दूर कर सकते हैं और अपनी खोई हुई शक्ति को दोबारा पा सकते हैं| तो चलिए जानते हैं धात रोग के लिए सबसे अच्छा देसी घरेलू इलाज क्या होता है लेकिन धातु की दुर्बलता को दूर करने के लिए इलाज अपनाने से पहले धात रोग का मेडिकल और आयुर्वेदिक कारण जान लीजिए|
धात रोग होने का मेडिकल / आयुर्वेदिक कारण
धात रोग का मेडिकल कारण
मेडिकल साइंस के अनुसार आपके लिंग में नसें यानी तंत्रिकाए पाई जाती है जोकि वीर्य को रोकने का करती है कार्य करती है साथ ही लिंग को मजबूती और कठोरता देती है| यदि किसी कारण से parasympathetic कमजोर हो जाए तो आप अपने वीर्य को गिरने से नहीं रोक पाते जिसके कारण बिना आपकी इच्छा के लिंग से वीर्य निकलने लगता है जिसे की धातु की दुर्बलता या धातुओं के नाम से जाना जाता है| जरूरत से ज्यादा हस्तमैथुन करने से, नशा करने से, मानसिक तनाव, आदि के अलावा दूसरे कई कारण होते हैं जो कि आपके लिंग की नसों को कमजोर कर सकते हैं और धात रोग आपकी समस्या पैदा कर सकते हैं|
धात रोग होने का आयुर्वेदिक कारण
आयुर्वेद के अनुसार पुरुष की मर्दाना शक्ति बात और पित्त के ऊपर निर्भर करती है| यदि किसी कारण से बात और पित्त में असंतुलन आ जाए तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को धात रोग की समस्या हो सकती है| यदि आपको बात दोष है तो आपके लिंग की सक्रियता बढ़ जाती है और यदि इसके साथ पित्त दोष हो जाए तो आपका वीर्य पतला हो जाता है| इसलिए यदि किसी व्यक्ति को वात और पित्त दोष है तो उसे धात रोग हो जाता है और बिना व्यक्ति की इच्छा के लिंग से चिपचिपा तरल पदार्थ निकलने लगता है|
धात रोग का देसी इलाज और घरेलू उपाय
गिलोय से धात रोग का इलाज
धातु की दुर्बलता को दूर करने के लिए दो चम्मच गिलोय के रस मैं एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम खाली पेट लेने से फायदा होता है|
आंवला से धातु रोग का देसी इलाज
दो चम्मच आंवले के रस मैं थोड़ा सा शहद मिलाकर सुबह शाम चाटने से धात गिरना यह धातु की दुर्बलता रोज मैं फायदा मिलता है
तुलसी से धात रोग का इलाज
3 ग्राम तुलसी के बीज को पानी में घोलकर और किस पानी में मिश्री मिलाकर दोपहर के समय पीने से आपके शरीर में ठंडक आती है यानी शरीर की गर्मी दूर होती है जिसके कारण आपको धात गिरना बंद करने में मदद मिलती है|
सफेद मूसली से धातु की दुर्बलता दूर करना
10 ग्राम सफेद मूसली चूर्ण में मिश्री मिलाकर गाय के दूध के साथ लेने से दुर्बलता दूर होती है और आपकी धातु पोस्ट बनती है|
उड़द की दाल से धात रोग का इलाज
उड़द की दाल का इस्तेमाल धातु की दुर्बलता दूर करने के लिए किया जाता है जिसके लिए उड़द की दाल के पाउडर को देसी घी में भूनकर खांड मिलाकर खाने से धातु की कमजोरी की समस्या दूर हो जाती है|
गोमूत्र अर्क और त्रिफला से धात रोग का इलाज
गोमूत्र अर्क और त्रिफला चूर्ण से भी धातु की कमजोरी या दुर्बलता की समस्या को दूर किया जा सकता है|
पपीता भी है फायदेमंद
रोजाना 100 ग्राम पपीते के रस का सेवन करने से आपकी धातु की दुर्बलता की समस्या दूर होती है और आप का वीर्य पुष्ट बनता है|
लहसुन से धात रोग का इलाज
सुबह उठकर खाली पेट दो कलियां लहसुन की खाने के बाद दूध का सेवन करने से धातु की कमजोरी या दुर्बलता दूर होती है और धात रोग का सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है|
धात रोग की समस्या को दूर करने के लिए यह कुछ देसी घरेलू उपाय थे जिन्हें अपनाकर आप धात गिरना रोक सकते हैं और धातु की दुर्बलता को दूर कर सकते हैं| जितना हो सके धात रोग के अंदर परहेज रखिए जैसे कि जरूरत से ज्यादा हस्तमैथुन करने की आदत से परहेज करें, नशा आदि से दूर रहे, घरेलू चीजों का सेवन ना करें, भोजन में मिर्च मसालों का उपयोग कम से कम करें, रोजाना एक्सरसाइज करें, योगा और ध्यान का अभ्यास नियमित रूप से करें|